3 घण्टे बाद पृथ्वी से टकराने वाला है भीषण उल्कापिंड, वैज्ञानिकों ने दी चेतावनी

 लोग इस साल अलग-अलग तरह के खतरों से लगातार जूझते रहे हैं और इस कारण से लोग 2020 को बहुत ही मनहूस साल कहते हैं । अप्रैल के महीने में जहां बुरी तरह से उल्का पिंड के पृथ्वी से टकराने के कारण दुनिया नष्ट होने की खबर फैल रही थी वही लोग लगातार कोरोनावायरस के खतरे से भी जूझ रहे थे । 


ऐसा बताया जा रहा था कि उल्कापिंड पृथ्वी से टकराएगा लेकिन सौभाग्य वश बाबुल का पिंड पृथ्वी से काफी दूर से ही निकल गया लेकिन आज फिर पृथ्वी के ऊपर एक बड़ा संकट आने का वैज्ञानिकों ने अंदाजा लगाया है क्यों कि पृथ्वी की ओर एक बेहद बड़े आकार का एस्ट्रॉयड तेजी से बढ़ रहा है ।

 इस उल्कापिंड का नाम एस्ट्रॉयड 2020 यू एल 3 है और वैज्ञानिकों का मानना है कि यह 10 नवंबर को पृथ्वी की और बिट से होकर गुजरने वाला है यानी आज के दिन हालांकि इसे पृथ्वी से काफी दूर से होकर गुजरने की बात कही जा रही है ।

लेकिन वैज्ञानिकों का यह भी अनुमान है कि अगर इसे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण ने अपनी ओर खींच लिया तो काफी समस्याएं पैदा हो सकती हैं हालांकि विशेषज्ञों की माने तो उन्होंने पृथ्वी की ओर आने की संभावना बेहद कम बताई है और लगातार वैज्ञानिकों की टीम इस पर नजर रखे हुए हैं । 


एक मोटे मोटे अंदाजे की बात करें तो वैज्ञानिकों ने इसका आकार इंग्लैंड के ब्लैकपूल टावर जितना बताया है और यह भयंकर स्पीड से पृथ्वी की ओर आ रहा है । शुद्र ग्रह 25050 मील प्रति घंटे की रफ्तार से पृथ्वी की ओर आ रहा है और नासा ने बताया है कि यह आज दोपहर 12:48 पर पृथ्वी की ऑर्बिट में दाखिल हो जाएगा । 


उल्का पिंड का आकार 173 से 426 फीट तक बताया जा रहा है इसीलिए इसे इंग्लैंड के ब्लैकपूल टावर जितना कहा जा रहा है । ब्लैकपूल टावर 14 मई 18 से 94 को बनाया गया था जो इंग्लैंड के समुद्र तट पर बना है । 


इस शुद्ध ग्रह को अपोलो क्षेत्र ग्रह की श्रेणी में रखा गया है जो अंतरिक्ष से गुजर कर पृथ्वी की कक्षा में दाखिल होते हुए निकलते हैं और इन्हें इसलिए नियर अर्थ ऑब्जेक्ट कहा जाता है । 


नियर अर्थ ऑब्जेक्ट वे अंतरिक्ष के अवयव होते हैं जो पृथ्वी या पास के ग्रहों के गुरुत्वाकर्षण से खींच कर उनकी कक्षा में घुस जाते हैं । ऐसा बताया जा रहा है कि इस अधिग्रहण से नुकसान की संभावना ना के बराबर है लेकिन विपरीत हालात और अपवाद के तहत पृथ्वी से इसकी टक्कर होने पर मौसम प्रणालियों में काफी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं । 



पृथ्वी के इतिहास में ऐसी घटनाएं बहुत बार हो चुकी हैं जिसमें उल्कापिंड ने भीषण तबाही मचाई है आज से लगभग  66 मिलीयन साल पहले पृथ्वी से एक भीषण आकार का उल्का पिंड टकराया था जिसने डायनासोरों को पूरी तरह से खत्म कर दिया था ।