वायेजर यान , नासा, Voyager space craft - hindivigyan

नासा पैदा कर सकती है धरती के लिए खतरा 


नासा , वो अंतरिक्ष एजेंसी जिसका दुनियाभर में अच्छा खासा दबदबा है । नासा के सबसे पुराने और सफल प्रोजेक्ट वॉयजर की शुरुआत 20 अगस्त 1977 को हुई थी इसका दूसरा संस्करण 5 सितंबर 1977 को लांच किया गया था । हालांकि इसमें थोड़ा उलटफेर हुआ था जिसके कारण वॉयजर 1 को बाद में और वॉयजर 2 को पहले लांच किया गया था । आज लगभग 42 साल के बाद भी यह नासा के प्लान और प्रोजेक्ट के तौर पर काम कर रहा है और मानव निर्मित आज तक की किसी भी यंत्र में से सबसे लंबी यात्रा करने वाला यंत्र बन गया है । पर यहां सोचने वाली बात तो यह है कि नासा ने इस यान और प्रोजेक्ट के भविष्य के विषय में क्या सोचा है । क्योंकि वॉयजर यान कब तक नासा से संपर्क कर पायेगा ।

फिलहाल आप नासा की ऑफिसियल वेबसाइट पर जाकर वॉयजर यान की करंट लोकेशन जान सकते हैं । वॉयजर यान फिलहाल सौरमंडल को पार करके बाहरी अंतरिक्ष में प्रवेश कर चुका है । और नासा के अनुसार ये 2025 तक पूरी तरह से डेटा भेजने में असमर्थ हो जाएगा । क्योंकि इसकी पावर यूनिट ऊर्जा बनाने में अक्षम हो जाएगी ।

जब नासा को यह मालूम था कि वे इस यान को ऐसा ऊर्जा स्रोत नहीं दे सकते जो इसे हमेशा सक्रिय रखे । तो फिर नासा ने इस यान को अंतरिक्ष की इस लंबी यात्रा पर भेजा ही क्यों ?
दरअसल नासा के इस प्रोजेक्ट को सौरमंडल और आउटर स्पेस की सैर करने के लिए बनाया ही नहीं गया । जी हां, नासा के अनुसार एक स्वस्थ और सामान्य सिग्नल को पर्याप्त मात्रा में पढ़ने योग्य डेटा के बजाय अब वायेजर 20 बिलियन गुना कमजोर डेटा भेजने के सिग्नल पृथ्वी तक पहुँचा पा रहा है । तो ऐसे में किसी ऐसे यान को बनाने और भेजने का कोई मतलब नहीं बनता । क्योंकि कैसिनी जैसे अत्याधुनिक यान और हब्बल टेलेस्कोप उतना काम करने में सक्षम हैं । और अगर नासा चाहती तो उसे कैसिनी की तरह किसी ग्रह के अंदर उसे खत्म करा सकती थी ।
पर जिस प्रकार नासा एक लंबे अरसे से चांद पर नहीं गया तो यह कहना गलत नहीं होगा कि नासा एक स्पेस एजेंसी से ज्यादा खुफ़िया एजेंसी के तौर पर काम कर रही है । एरिया 51 दुनिया की सबसे खुफिया जगहों में से एक है । और एरिया 51 में कई ऐसी जानकारियां सामने आ चुकीं हैं जिस से यह कहना गलत नहीं होगा कि ये किसी न किसी माध्यम से दुनिया से बचकर परग्रही शक्तियों के साथ काम कर रही हैं । हालांकि ये पुष्टि नहीं की गई पर कई ऐसे वीडिओज़ दुनिया के सामने आ चुके हैं जो इस बात का दावा करते हैं कि एलियंस की एक प्रजाति हमारे बीच मनुष्य रूप में रहती है जिन्हें रेप्टिल्यन कहा जाता है । और इनका वास्तविक स्वरूप कैमरे में कैद हो गया । वीडियो में दिखाई देने वाले ये लोग रेप्टिल्यन कहे जाते हैं जिनके शरीर मनुस्य की तरह नहीं होते ।

पब्लिक प्लेस पर एलियंस की आंखें इनका खुलासा कर चुकी हैं । हम इस बात का दावा नहीं करते पर इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता क्योंकि आप में से ज्यादातर लोगों ने मेन इन ब्लैक फ़िल्म जरूर देखी होगी पर असल में ऐसा खुलासा हो चुका है कि मेन इन ब्लैक नाम की एक सीक्रेट सोसाइटी आम जनमानस से अलग रहती है और जहां पर भी दुनिया में एलियन से संबंधित अफवाहे उड़ीं है फिर वो हकीकत हों अथवा नहीं पर ये लोग वहां मौजूद पाए गए हैं । और इन्होंने उन लोगों से मुलाकात की है जो एलियन देखने के विक्टिम हुए हैं ।

हाल ही में हमारे सौरमंडल में एक बाहरी अंतरिक्ष से आया हुआ इंटरस्टेलर ऑब्जेक्ट ओऊमुआमुआ जिसे कुछ वैज्ञानिकों ने एक बहुत बड़े आकाशीय पिंड का दर्जा दिया तो किसी ने इसे एलियन यान बताया । खैर इस ऑब्जेक्ट के बारे में विस्तार से आगे आने वाले वीडिओज़ में जानेंगे , इस बाहरी ऑब्जेक्ट की गति का घटना बढ़ना वैज्ञानिकों को सोच में डाल गया । इन सब बातों से एलियंस न होने की बात नकारी नहीं जा सकती । खैर ये तो थे कुछ ऐसे रहस्य जिन्हें पुष्टि होना शेष है पर नासा का वायेजर यान पृथ्वी पर जीवन की संभावनाओं की सूचना और पृथ्वी से संपर्क करने के लिए रेडियो फ्रीक्वेंसी लिए इस आकाशगंगा में घूम रहा होगा । और क्या नासा का उद्देश्य है पृथ्वी तक पहुचने का रास्ता एलियंस तक पहुचाना । और अगर ऐसा है तो नासा इस दुनिया से बहुत बड़े बड़े रहस्य छुपा रहा है क्योंकि नासा बिना किसी पूर्व संपर्क के या जान पहचान के ये रिस्क नहीं लेगा की वे एलियंस से संपर्क करें ।

स्टीफेन हाकिंग का मत

एलियंस से संपर्क करने को लेकर डॉक्टर स्टीफेन हॉकिंग ने चेतावनी भी दी थी क्योंकि उनके अनुसार यदि हम एलियंस तक नहीं पहुच सकते पर वे यहां तक आ सकते हैं तो इसका मतलब है कि वे हमसे कहीं ज्यादा एडवांस तकनीक वाले प्राणी हैं और यह पूरी मानवजाति के लिए खतरा बन सकती है । वॉयजर यानों की वर्तमान गति के अनुसार ये 22.2 करोड़ सालों में मिल्की वे गैलेक्सी का पूरा चक्कर लगा देंगे । 

UFOSIGHTINGSDAILY.COM के पब्लिशर स्कोट सी. वेयरिंग का दावा

बाह्य अंतरिक्ष प्राणी पर रिसर्च करने वाली वेबसाइट वेयरिंग का दावा है कि नासा पूरी तरह से पारदर्शी डेटा दुनिया के सामने पेश नहीं करता है । ट्विटर पर इस बात को वेयरिंग ने नासा से पूछा था । 
वेयरिंग का कहना है कि उन्होंने ट्विटर पर डेटा की मांग के अतिरिक्त कुछ तस्वीरें भी शेयर की हैं और साथ ही कहा कि नासा कभी उनका रिप्लाई नहीं देने वाला क्योंकि वे ऐसे मैटर में रिप्लाई न देना ही अपनी भलाई मानते हैं । क्या आपने कभी नासा को वायेजर से प्राप्त हुए डेटा को खबर या सोशल मीडिया के माध्यम से सुना हो । नासा ने अलौकिक जीवन की खोज कर ली है और वह इस बात को दुनिया से छिपा कर रखे हुए है । नासा की ऑफिशियल वेबसाइट पर वायेजर की दूरी के अतिरिक्त ऐसा कुछ भी नहीं है जो वायेजर ने अब तक पाया है तो सीधी सी बात है कि नासा कुछ न कुछ तो छिपा रहा है ।
 अगस्त 2012 में वायेजर प्रथम ने सौरमंडल के हीलीयोस्फीयर से बाहर निकल गया था । खैर ये तो आने वाले भविष्य में मालूम होगा कि नासा का वायेजर के साथ क्या उद्देश्य था । अपनी राय कमेंट में जरूर बताएं ।