ओजोन परत क्या है - what is Ozone layer in hindi - Hindivigyan.in

ओजोन परत

ओजोन परत पृथ्वी के सबसे ऊपरी वायुमंडल परत जिसे समताप मंडल कहा जाता है, में स्थित एक गैस की परत है जो ओजोन गैस द्वारा बनाई गई है ।

ओजोन परत पृथ्वी पर आने वाली सूर्य की पराबैंगनी किरणों को पृथ्वी तक पहुंचने से रोकती है । यह परत पृथ्वी के ऊपरी भाग में एक गैस की परत के रूप में रहती है ।
ओजोन परत


ओजोन क्या है?

ओजोन एक गैस है जिसका रंग हल्का नीला होता है और साथ ही इसमें एक विशेष प्रकार की गंध होती है । यह गैस ऑक्सीजन से संबंधित है जिसे रसायन विज्ञान में O3 से प्रदर्शित किया जाता है ।

ओजोन परत के कार्य

ओजोन परत मूलरूप से पृथ्वी की विभिन्न सौरमंडल या उससे बाहर से आने वाले हानिकारक विकिरणों से पृथ्वी की रक्षा करती है। ओजोन परत सूर्य से आने वाले पराबैंगनी विकिरण, चंद्रमा से आने वाली सूर्य की परावर्तित होने वाली हानिकारक किरणें , मीथेन गैस के दुष्प्रभाव से पृथ्वी की रक्षा करती है । 


ओजोन परत किस मंडल में है ?

पृथ्वी के वायुमंडल में कई परतें पाई जाती हैं जिनके अलग अलग नाम भी हैं, जैसे क्षोभमंडल, समतापमंडल, मध्यमंडल, तापमंडल और बहिरमंडल जिनको अंग्रेजी में क्रमशः troposphere, स्ट्रेटोस्फेयर, मेसोस्फेयर, थर्मोस्फेयर और एक्सोस्फेयर कहा जाता है । 

हम पृथ्वी के वायुमंडल के जिस भाग में रहते हैं उसे क्षोभमंडल कहते हैं । यह वायुमंडल का भाग सबसे अधिक घनत्व वाला है । और इस कारण ही पृथ्वी के प्राणी जीवित रहते हैं । यह भाग पृथ्वी के भूतल से करीब 18 किलोमीटर ऊपर तक फैला हुआ है ।

इस प्रकार ओजोन परत जिस वायुमंडल के भाग में स्थित है इसे समताप मंडल कहा जाता है , यह पृथ्वी के 18 से 50 किलोमीटर की ऊंचाई तक फैला हुआ है । और ओजोन परत समताप मंडल के ऊपरी हिस्से में पाई जाती है ।
Ozone layer in hindi

ओजोन परत की खोज किसने की थी ?

ओजोन परत की खोज करने वाले वैज्ञानिकों का नाम हेनरी बाइसन और चार्ल्स फैब्री था । उन्होंने सन 1913 में दुनिया को ओजोन परत के बारे में अवगत कराया था ।


ओजोन परत की मोटाई किस से मापी जाती है?

ओजोन परत वैसे तो एक गैस है जो स्वच्छंद रूप से पृथ्वी पर विचरण करती है । एवं अपने द्रव्यमान के अनुसार यह निश्चित ऊंचाई पर स्थित है। ओजोन परत को मापने की इकाई डोबसन होती है ।

असल में जिन वैज्ञानिक ने इसे मापने का तरीका बताया था उनका नाम था जीएमबी डोबसन, इस कारण इस इकाई को डोबसन इकाई नाम दिया गया । एवं जिस यंत्र से इसकी माप की जाती है उसे स्पेक्ट्रोफोटोमीटर कहा जाता है ।

ओजोन परत को क्षति पहुंचाने वाले कारण

वैसे तो ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाले कारणों में से कोई एक विशेष कारण नहीं है , मूल रूप से ओजोन परत को नुकसान पहुंचाने वाला प्रमुख घटक क्लोरोफ्लोरो कार्बन है । यह गैस हमारे घरेलू उपकरण जैसे की रेफ्रिजरेटर और एयर कंडीशनर सर्वाधिक उत्सर्जित करते हैं ।

वाहनों से निकलने वाले धुएं से कार्बन मोनो ऑक्साइड का उत्सर्जन होता है जो हमारे वातावरण और ओजोन के लिए बेहद हानिकारक है । हमारे द्वारा उपयोग किए गए कुछ रसायन भी ओजोन परत को अत्यधिक हानि पहुंचाते हैं । 

हमारे यंत्रों द्वारा उत्सर्जित किए गए क्लोरोफ्लोरो कार्बन से सूर्य की अल्ट्रावायलेट किरणें रसायनिक क्रिया करती हैं और क्लोरीन के अणु पैदा करती हैं, ये क्लोरीन के अणु हमारे ओजोन परत से अभिक्रिया करके इसे नष्ट करने लगते हैं ।
पृथ्वी का चित्र

ओजोन परत को कैसे ठीक कर सकते हैं ?

कम कार्बन उत्सर्जन और प्राकृतिक शुद्धिकरण से हम ओजोन परत को फिर से ठीक कर सकते हैं । क्योंकि मूलतः ओजोन परत को नुकसान प्रदूषण से ही होता है, और यदि हम कार्बन उत्सर्जन को कम कर लेते हैं और साथ ही प्राकृतिक संसाधन जैसे की वन और जल संरक्षण करते हैं तो हम ओजोन परत को ठीक कर सकते हैं ।

1980 में वैज्ञानिकों ने उत्तरी ध्रुव में ओजोन परत में एक बड़ा सा छेद देखा था, जो उस समय बेहद चिंता का विषय था लेकिन समय अंतराल में यह ठीक होता गया ।

अनुमान है कि ओजोन परत के छेद 2050 तक पूरी तरह ठीक हो जाएंगे ।

ओजोन परत हमारे लिए कितनी आवश्यक है इसका अनुमान आप इस बात से लगा सकते हैं कि यदि ओजोन परत का क्षरण हो गया तो पृथ्वी से जीवन नष्ट हो जायेगा । सूर्य से निकलने वाली किरणें जो कि ओजोन परत द्वारा फिल्टर की जाती हैं वे सीधे पृथ्वी पर पड़ने लगेगी ।

ओजोन परत के नष्ट हो जाने पर पृथ्वी से हरियाली खत्म होने लगेगी और पृथ्वी का तापमान भी बढ़ जायेगा । इसके अतिरिक्त त्वचा झुलस जायेगी, साथ की स्किन कैंसर जैसी घटनाएं बहुत अधिक बढ़ जायेंगी ।

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